दया बह रही है
इबादत की ऐसी फ़िज़ा लग रही है...
बदन मे मसीह की शिफा लग रही है... (2)
रब की हुज़ूरी मे लगता है ऐसे..... (2)
बाग-ऐ-अदन की हवा लग रही है...
दया बह रही है... (2)
शिफा बह रही है... (2)
बंधन टूट रहे है..... (3)
कैदी छूट रहे है...
दया बह रही है...
शिफा बह रही है...
धन्यवाद... धन्यवाद... (4)
वो मेरी कश्ती बचाने है आया...
पानी पे मुजको चलाने है आया... (2)
करता हूँ मै आज शुक्र-ऐ-खुदावंद..... (2)
मै मुर्दा था मुजको जिलाने है आया... (2)
दया बह रही है...
शिफा बह रही है... (2)
बंधन टूट गए है.....
कैदी छूट गए है.....
आनंद आ गया है...
खुशी आ गई है...
दया बह रही है... (4)